*🌹🌞☕सुप्रभात ☕🌞🌹*
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*यूपीएससी में नौकरी, जल्द करें अप्लाई*
संघ लोक सेवा आयोग (यूपीएससी)
संघ लोक सेवा आयोग (यूपीएससी) में नए पदों पर भर्ती के लिए आवेदन आमंत्रित किए गए हैं।
*पद का नाम:*असिस्टेंट इंजीनियर और जूनियर एनालिस्ट
*पदों की कुल संख्या:* 15
*शैक्षणिक योग्यता:*मान्यताप्राप्त संस्थानों से बीई व अन्य निर्धारित योग्ताएं
*आयु सीमा:* न्यूनतम 18 वर्ष व अधिकतम 30 वर्ष निर्धारित
*अंतिम तिथि:* 30 मार्च, 2017
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*आवेदन शुल्क:*
आवेदन शुल्क के तहत 25 रुपये निर्धारित किए गए हैं। SC/ST/PH और महिला वर्ग के लिए नि:शुल्क।
*कैसे करें आवेदन:*
उम्मीदवारों से इन पदों पर ऑनलाइन आवेदन स्वीकार किए जाएंगे। उम्मीदवार संबंधित वेबसाइट पर क्लिक करके ऑनलाइन आवेदन की प्रक्रिया पूरी करें।
संबंधित वेबसाइट का पता: www.upsconline.nic.in
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*AKTU : रिक्त सीटों पर मेरिट के आधार पर मिले दाखिला*
ब्यूरो/अमर उजाला, गाजियाबाद
एकेटीयू के कॉलेजों में दाखिले के लिए यूपीएसईई की अनिवार्यता के बाद प्रदेश के प्राइवेट इंजीनियरिंग कॉलेजों ने अलग मोर्चा खोल दिया है। प्राइवेट कॉलेजों की एसोसिएशन यूपी टेक्निकल इंस्टीट्यूट फेडरेशन (यूपीटिफ) के एक प्रतिनिधि मंडल ने विवि प्रशासन से मिलकर उन्हें कई सुझाव दिए हैं।
बैठक में फेडरेशन ने पहले की तरह रिक्त सीटों को मेरिट के आधार पर भरने के नियम को लागू करने और सरकारी व प्राइवेट कॉलेजों में अलग-अलग काउंसलिंग का भी सुझाव दिया। साथ ही एडमिशन में स्टूडेंट्स की स्क्रीनिंग सहित अन्य व्यवस्था को लागू करने का प्रस्ताव भी रखा।
यूपीटिफ महासचिव डा. अतुल जैन ने बताया कि विवि में हुई बैठक में यूपीटिफ प्रतिनिधियों ने सीटें खाली नहीं रहे इसके लिए किसी भी राज्य की तकनीकी प्रवेश परीक्षा में उत्तीर्ण होने की बाध्यता से राहत देने की मांग की गई।
उन्होंने कहा कि पिछले साल की तरह सरकारी संस्थानों की काउंसलिंग कई चरणों और निजी कॉलेजों की काउंसलिंग एक चरण में कराई जानी चाहिए। फिर रिक्त सीटों पर मेरिट का निर्धारण कर प्रवेश लेने में छूट मिलनी चाहिए।
बैठक में यूपीटीयू वीसी प्रो. विनय कुमार पाठक ने प्राइवेट कॉलेज प्रतिनिधियों की मांगों पर विचार करने की बात कही है। एकेटीयू ने इस बार नया आदेश जारी कर प्रदेश के इंजीनियरिंग व तकनीकी कोर्सेज में दाखिले के लिए यूपी एसईई सहित जेईई मेन, एडवांस व अन्य राज्यों की तकनीकी प्रवेश परीक्षा में शामिल होने की बाध्यता कर दी है। पहले से ही सीटें खाली रहने से परेशान इंजीनियरिंग कॉलेज नए आदेश से काफी परेशान हैं।
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*व्हाट्स एप पर भड़काऊ पोस्ट डालने के आरोप में चार गिरफ्तार*
व्हाट्सएप ग्रुप पर सांप्रदायिक भड़काऊ पोस्ट डालने के मामले में गाजियाबाद पुलिस ने पहली बार कार्रवाई करते हुए चार आरोपियों को गिरफ्तार किया है। पुलिस ने आरोपियों के पास से एक मोबाइल भी बरामद किया है।
पकड़े गए आरोपी अजय चपराना उर्फ बिट्टू, मुकेश यादव, प्रकाश दुबे निवासी मेवला महाराज पुर सेक्टर-31 फरीदाबाद और नकुल नागर निवासी एमएमजी अस्पताल कैंपस हैं। एसएचओ विजयनगर नीरज ने बताया कि पुलिस ने शनिवार देर रात विजयनगर तिराहे से गिरफ्तार किया है।
उन्होंने बताया कि मिर्जापुर गांव के रहने वाले अली नामक युवक ने 10 मार्च को शिकायत दी थी कि कुछ लोग एक व्हाट्स एप पर एक वीडियो जारी कर एक समुदाय के खिलाफ भड़काऊ टिप्पणी कर रहे हैं। इस वीडियो से होली के दौरान तनाव हो सकता है।
एसएचओ ने बताया कि पुलिस ने अली की शिकायत पर रिपोर्ट दर्ज कर चारों आरोपियों की तलाश में लग गई। पुलिस ने इसके लिए साइबर टीम और सर्विंलांस टीम की मदद ली। इसके बाद पुलिस ने आरोपियों के मोबाइल की लोकेशन से उन्हें धर दबोचा।
उन्होंने बताया कि जांच के दौरान पता चला है कि अजय और मुकेश ने फरीदाबाद में रहकर एक वीडियो अपलोड किया है। इस वीडियो को प्रकाश नामक आरोपी ने रिकॉर्ड कर सोशल मीडिया में वायरल कर दिया था। पूछताछ में आरोपियों ने बताया कि उन्होंने व्हाट्स एप पर आजाद युवा मोर्चा नाम पोस्ट अपलोड की थी।
*पहासू की घटना के बाद से अलर्ट पर है पुलिस*
एसएचओ ने बताया कि जिले की पुलिस को होली और पहासू में हुई घटना के बाद से अलर्ट पर किया गया है। उन्होंने बताया कि पहासू में फरवरी में हुई घटना के बाद से प्रदेश की पुलिस को सोशल साइट्स पर एक्टिव रहने के आदेश दिए हुए थे।
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*केवी स्कूलों में अब 15 तक करें आवेदन*
ब्यूरो/अमर उजाला, नई दिल्ली।
केंद्रीय विद्यालय संगठन ने कक्षा एक में आवेदन करने की तिथि बढ़ा दी है। अब अभिभावक अपने बच्चे के लिए होली के बाद भी 15 मार्च तक आवेदन कर पाएंगे। इसके साथ जो अभिभावक आवेदन कर चुके हैं वह दी गई जानकारी और फॉर्म की एक बार और जांच कर ले जिससे कमियों को दूर किया जा सके।
पूरी दाखिला प्रक्रिया ऑनलाइन है। केवी ने पहले दाखिले के लिए 10 मार्च तक का समय दिया था। अभिभावकों की मांग पर इसे बढ़ाकर 15 मार्च कर दिया है। दाखिले के बाद दाखिले के लिए पहली सूची 22 मार्च को आएगी।
उसके बाद दाखिला प्रक्रिया शुरू होगी। अभी तक कुल लाख से अधिक बच्चे दाखिले के लिए ऑनलाइन पंजीकरण करा चुके हैं। केवी का कहना है कि अभिभावक अपने फॉर्म दोबारा चेक कर लें।
अगर कोई कमी रह गई तो उसे ठीक कराने के लिए 15 मार्च के बाद मौका नहीं मिलेगा। केवी की कक्षा 2 से 9 (सीटें खाली होने पर) तक के लिए अगले माह 3 अप्रैल से 10 अप्रैल तक आववेदन का मौका मिलेगा।
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*शहर के स्कूलों में लगेंगे आधार कार्ड शिविर*
ब्यूरो/अमर उजाला, फरीदाबाद
आधार कार्ड नहीं होने के कारण प्राथमिक एवं मिडिल स्कूल के विद्यार्थियों को सरकारी योजना से वंचित होना पड़ता है। ऐसे में शिक्षक संगठन अभिभावकों को जागरूक करने का कार्य करेगा। इसके लिए स्कूल में कैंप लगाकर बच्चों के आधार कार्ड बनाए जाएंगे।
जिले में कई बच्चे ऐसे हैं, जिनका अब तक आधार कार्ड नहीं बन सका है। जिसकी वजह से स्कूल में प्रवेश लेने पर परेशानी झेलनी पड़ती है। ऐसे में अभिभावकों को आधार कार्ड बनवाने के लिए कहा जाएगा।
इस वर्ष आधार कार्ड नहीं होने के कारण करीब 20 हजार बच्चों को यूनिफार्म की राशि अब तक नहीं मिल पाई। ऐसे में अब दाखिले के साथ ही आधार कार्ड से जोड़ने का काम किया जाएगा।
राजकीय प्राथमिक शिक्षक संघ के प्रधान चत्तरसिंह ने बताया कि बच्चों का दाखिला होने के बाद स्कूल में शिविर के माध्यम से आधार कार्ड बनवाएं जाएंगे, ताकि बच्चों को यूनिफार्म की राशि मिलने में देरी न हो।
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*डीयू में मार्च से दाखिला प्रक्रिया शुरू होने की उम्मीद खत्म*
ब्यूरो/अमर उजाला, नई दिल्ली।
दिल्ली विश्वविद्यालय में सत्र 2017-18 की दाखिला प्रक्रिया अब मार्च के अंत में शुरू होने की संभावना न के बराबर है। पांच राज्यों में विधानसभा चुनाव के चलते सीबीएसई की परीक्षाएं देरी से शुरू हुई हैं। ऐसे में अब डीयू प्रशासन अप्रैल अंत या मई के पहले सप्ताह से दाखिला प्रक्रिया शुरू कर सकता है।
चुनावों के चलते सीबीएसई ने बोर्ड की परीक्षाएं मार्च से शुरू की हैं। ये परीक्षाएं अप्रैल के मध्य तक चलेंगी। परीक्षा में व्यस्त रहने के कारण 12वीं के छात्र दाखिला प्रक्रिया में शामिल नहीं हो पाएंगे।
इसे देखते हुए डीयू प्रशासन अब बोर्ड परीक्षाएं खत्म होने के बाद दाखिला प्रक्रिया शुरू करेगा, ताकि छात्रों को कोई समस्या न हो। गौरतलब है कि डीयू में बीते साल तक दाखिला प्रक्रिया मई के अंत तक शुरू होती थी। मगर इस वर्ष से डीयू इसे पहले शुरू करना चाहता है।
साथ ही कॉमर्स के पाठ्यक्रम में सिर्फ कटऑफ नहीं, बल्कि प्रवेश परीक्षा के जरिये दाखिला मिलेगा। इसे लेकर डीयू प्रशासन की ओर से तैयारियां भी लगभग अंतिम चरण में हैं। पूरी दाखिला प्रक्रिया भी ऑनलाइन होगी।
डीयू में 55 हजार सीटों के लिए देश के विभिन्न हिस्सों से छात्र दाखिले के लिए आवेदन करते हैं। छात्रों को आवेदन और फीस भुगतान की सुविधा पूरी तरह से ऑनलाइन मिलेगी, जिससे उन्हें डीयू आने की जरूरत नहीं पड़ेगी।
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*शिक्षा निदेशालय ने जारी किया एकेडमिक कैलेंडर, दाखिले की रेस 15 से*
ब्यूरो/अमर उजाला, नई दिल्ली
शिक्षा निदेशालय ने सरकारी व सरकारी सहायता प्राप्त स्कूलों में शैक्षणिक सत्र 2017-18 के लिए एकेडमिक कैलेंडर जारी किया है। एकेडमिक कैलेंडर में निदेशालय ने दाखिला प्रक्रिया की तिथियों व स्कूलों में होने वाले अन्य कार्यक्रम व ग्रीष्मकालीन, शरद व शीतकालीन अवकाश के संबंध में जानकारी जारी की है।
अब सरकारी व सरकारी सहायता प्राप्त स्कूलों में छठे से आठवीं तक की कक्षाओं में दाखिले 15 मार्च से शुरू होंगे। जबकि ग्याहरवीं में दाखिले की तिथि दसवीं कक्षा के रिजल्ट जारी होने के बाद जारी की जाएगी।
राजधानी के सभी सरकारी व सरकारी सहायता प्राप्त स्कूलों के लिए यह कैलेंडर लागू होगा। कैलेंडर में दाखिले से लेकर पूरे होने वाले अवकाश व अन्य संचालित होने वाली गतिविधियों की जानकारी दी गई है।
कैलेंडर के मुताबिक छठी से आठवीं तक केदाखिले 15 मार्च से शुरु होकर 15 अप्रैल तक चलेंगे। जबकि ग्याहरवीं दाखिले दसवीं के रिजल्ट घोषित होते ही शुरू हो जाएंगे। इस कक्षा में दाखिले मेरिट आधार पर होंगे।
दाखिले के लिए पहली सूची 14 जून को आएगी जबकि इस सूची केआधार पर दाखिला लेने की अंतिम तिथि 17 जून निर्धारित की गई है। ग्याहरवीं में 31 जुलाई तक दाखिले पूरे कर लिए जाएंगे।
उल्लेखनीय है कि सरकारी स्कूलों में नर्सरी, केजी व पहली कक्षा में दाखिले की शुरुआत 4 मार्च से हो चुकी है। आवेदन करने की अंतिम तिथि 18 मार्च है। ऑनलाइन ड्रॉ ऑफ लॉट्स 22 मार्च को होंगे और इसी दिन पहली सूची जारी की जाएगी।
इस सूची के आधार पर 23 मार्च से 30 मार्च तक दाखिले होंगे। जबकि दूसरी से पांचवीं तक में दाखिले तीन अप्रैल से शुरु होंगे और सात अप्रैल तक आवेदन किया जा सकेगा। ड्रॉ ऑफ लॉट्स 11 अप्रैल को होंगे।
*ग्रीष्मकालीन अवकाश 11 मई से 30 जून तक*
कैलेंडर में साफ किया गया है कि इस वर्ष ग्रीष्मकालीन अवकाश 11 मई से शुरु होंगे व 30 जून तक चलेंगे। वहीं दशहरा अवकाश(शरद अवकाश) इस बार महज दो दिन 28 सितंबर व 29 सितंबर को होंगे। उल्लेखनीय हैकि बीते साल यह अवकाश तीन दिन हुए थे। शीतकालीन अवकाश 28 दिसंबर से 15 जनवरी 2018 तक होंगे
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*22 से ज्यादा देशों के छात्र जामिया में सीखेंगे पत्रकारिता के गुर*
ब्यूरो/अमर उजाला, नई दिल्ली।
जामिया मिलिया इस्लामिया कैंपस में शनिवार से एक विशेष कार्यशाला शुरू हुई। जिसमें 22 से ज्यादा देशों के छात्र पत्रकारिता के गुर सीखने पहुंचे हैं। दस दिवसीय इस कार्यशाला का आयोजन विदेश मंत्रालय द्वारा एजेके मास कम्युनिकेशन रिसर्च सेंटर में करवाया जा रहा है।
खास बात यह है इस दौरान दुनिया के सबसे बड़े लोकतंत्र में भारतीय राजनीति की भी जानकारी दी जाएगी। कार्यशाला का उद्घाटन जामिया के कुलपति प्रोफेसर तलत अहमद ने किया।
कुलपति प्रो. अहमद ने इस मौके पर कहा कि पत्रकारिता का स्वरूप बदलता जा रहा है। उस पर कॉरपोरेट का वर्चस्व बढ़ने से आर्थिक पहलू ज्यादा प्रभावी हो गया है। ऐसे में पत्रकारों पर विवेकपूर्ण और निष्पक्ष पत्रकारिता की जिम्मेदारी पहले से कहीं ज्यादा बढ़ गई है।
कार्यशाला में नाइजीरिया, अंगोला, दक्षिण अफ्रीका, मारीशस, सेशल्स, मिस्र, जिंबाब्वे सहित अफ्रीका के 22 से ज्यादा देशों के 29 छात्र हिस्सा ले रहे हैं। विदेश मंत्रालय में वेस्ट अफ्रीका डिविजन के डायरेक्टर दीपक पाठक ने कहा कि अफ्रीका दुनिया का उभरता हुआ महाद्वीप है और भारत विश्व की उभरती हुई बड़ी अर्थव्यवस्था है।
ऐसे में दोनों एक-दूसरे के सहयोग को रफ्तार दे सकते हैं। भारत और अफ्रीकी देशों के बीच व्यापार 100 अरब डालर तक पहुंच चुका है जो उसका चौथा सबसे बड़ा कारोबारी साझेदार है।
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*7 एकेडमिक इलेक्टिव व 34 वोकेशनल विषय समाप्त*
ब्यूरो/अमर उजाला, नई दिल्ली
सीबीएसई ने आगामी शैक्षणिक सत्र से 11वीं व 12वीं के सात एकेडमिक इलेक्टिव विषयों व 34 वोकेशनल विषयों को समाप्त कर दिया है। इस तरह से इन कक्षाओं में अब फिलॉस्फी व थियेटर स्टडी जैसे विषयों की पढ़ाई नहीं होगी।
विषयों को समाप्त करने के पीछे तर्क यह दिया गया है कि इन विषयों का चयन काफी कम छात्र कर रहे थे। डीयू स्नातक में दाखिले में कई एकेडमिक विषयों को मान्यता नहीं देता है। इन विषयों की पढ़ाई करने के बाद भी अंकों में कटौती का सामना करना पड़ता है।
सीबीएसई ने देशभर के स्कूलों को जानकारी भेज दी है कि अप्रैल से शुरू होने वाले नए सत्र से इन विषयों की पढ़ाई नहीं होगी। हालांकि, जिन छात्रों ने सत्र 2016-17 में इन विषयों को लिया है, वे इसकी पढ़ाई करेंगे। लेकिन आगामी सत्र से इन विषयों को नहीं लिया जा सकेगा।
*7 एकेडमिक इलेक्टिव विषय*
फिलॉस्फी, क्रिएटिव राइटिंग एंड ट्रांसलेशन स्टडी, हेरिटेज क्राफ्ट, ग्राफिक डिजाइन, ह्यूमन राइट्स एंड जेंडर स्टडीज, थियेटर स्टडीज, लाइब्रेरी एंड इंफॉर्मेशन साइंस।
*34 वोकेशनल विषय*
पॉल्ट्री न्यूट्रिशन एंड फिजियोलॉजी, पॉल्ट्री प्रोडक्ट्स एंड टेक्नोलॉजी, पॉल्ट्री डिजीज एंड देयर कंट्रोल, फाउंडरी टेक्नोलॉजी, मैनेजमेंट ऑफ डेयरी एनिमल, मिल्क मार्केटिंग एंड इंटरप्रिन्योरशिप, डेयरी प्रॉडक्स टेक्नोलॉजी, नेल टेक्नोलॉजी एंड रिटेल, आर्ट एंड साइंस ऑफ मेकअप एंड रिटेल, एसटिमेशन इन सिविल इंजीनियरिंग, एलिमेंट्री स्ट्रक्चरल मकेनिक्स, ऑफिस कम्यूनिकेशन, एसी एंड रेफ्रिजेरेशन, रेडियोग्राफी, बॉयोलॉजी ऑपथेमेटिक, ऑप्टिकस, ऑप्थिमेटिक टेक्नॉलॉजी, लैब मैडीसन, क्लिनकल बॉयोकेमिस्ट्री, माइक्रोबॉयोलॉजी, रेडिएशन फिजिक्स, हेल्थ एजुकेशन कम्यूनिकेशन, फर्स्ट एंड इमरजेंसी मेडिकल केयर, चाइल्ड हेल्थ नर्सिंग, हेल्थ सेंटर मैनेजमेंट, इंटरग्रेटिड ट्रांसपोर्ट ऑपरेशन, बेकरी, कन्फेशनरी, म्यूजिक प्रोडक्शन, म्यूजिक एस्थेटिक्स शामिल हैं।
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*टीचर की नौकरी छोड़ जला रहा लोगों के घरों के चूल्हे*
कोटद्वार, [अजय खंतवाल]: देश के बड़े विश्वविद्यालयों में शुमार लखनऊ विश्वविद्यालय में प्रवक्ता पद पर तैनात एक युवक ने सिर्फ इसलिए सेवा से त्यागपत्र दे दिया, क्योंकि वह पद पर रहते हुए अपनी मातृभूमि की सेवा नहीं कर पा रहा था।
इस युवक ने नौकरी छोड़कर घर में मौजूद संसाधनों से ही नमकीन बनाने का कार्य शुरू किया। परिजनों का सहयोग मिला तो धीरे-धीरे मुहिम रंग लाने लगी और आज इस युवक के तैयार किए उत्पादों के कद्रदान देश ही नहीं, विदेशों में भी हैं। साथ ही इस युवक की बदौलत 15 घरों के भी चूल्हे जल रहे हैं। अब उनका ध्येय कारोबार बढ़ाने के साथ ज्यादा से ज्यादा युवाओं को स्वरोजगार से जोड़ना है।
बात हो रही है कुमाऊं मंडल के ग्राम लंगारी (पिथौरागढ़) निवासी डॉ. अमित जोशी की, जिन्होंने अपनों को संबल देने के लिए ऐशोआराम की नौकरी को तिलांजलि दे दी।
अमित के इस प्रयास को सार्थक बनाने में उनके पिता ओपी जोशी व मां देवकी देवी का भी महत्वपूर्ण योगदान रहा। चार भाइयों में सबसे बड़े अमित ने शुरुआती दौर में माता-पिता व भाइयों की मदद से सामान्य नमकीन का कारोबार शुरू किया।
माता-पिता घर में नमकीन बनाते और चारों भाई इसे घर-घर बेचकर आते। लोगों को उत्पाद पसंद आया तो उन्होंने स्टाल लगाकर नमकीन की बिक्री शुरू कर दी। बिक्री बढ़ने लगी तो स्थानीय युवाओं के लिए भी रोजगार के दरवाजे खुलने लगे।
वर्तमान में 'कुमाऊं नमकीन' के नाम से इस नमकीन की ऑनलाइन बिक्री हो रही है। अमित मंडुवा, भट्ट, सोयाबीन, गहथ, झंगोरा, मेथी व लहसुन की नमकीन बना रहे हैं। वर्तमान में उनके तीनों भाई अपनी-अपनी नौकरियों में हैं, सो कारोबार पिता ही देख रहे हैं।
40 वर्षीय डॉ. अमित बताते हैं कि आज उनके पास इजराइल, जर्मनी, साउथ अफ्रीका सहित कई अन्य देशों से नमकीन की डिमांड आ रही है। लेकिन, पर्याप्त संसाधन न होने के कारण वे इस डिमांड को पूरा नहीं कर पा रहे।
*नहीं मिल रहा मंडुवा, झंगोरा भी दुर्लभ*
सरकार भले ही मंडुवा, झंगोरा, भट्ट जैसे उत्पादों को बढ़ावा देने के दावे कर रही हो, लेकिन हकीकत इसके ठीक उलट है। अमित की मानें तो कुमाऊं में मंडुवा व झंगोरा नहीं मिल पाने के कारण वे इन उत्पादों के लिए गढ़वाल मंडल में आते हैं।
वर्तमान में प्रतिवर्ष 300 क्विंटल से अधिक मंडुवा व झंगोरे की नमकीन बन रही है। जिस तरह लगातार डिमांड बढ़ रही है, यह मात्रा भी कम पड़ती जा रही है। बताया कि दालों के लिए भी उन्हें यहां-वहां भटकना पड़ता है।
*मेहनत का मिल रहा फल*
अमित व उनके परिवार की ओर से पहाड़ में पलायन रोकने के लिए की जा रही इस छोटी सी कोशिश के परिणाम काफी सकारात्मक रहे। वर्ष 2004 में उन्हें राष्ट्रीय स्तर पर 'नेशनल माइक्रो इंटरप्रेन्योर अवार्ड', वर्ष 2007 तीलू रौतेली पुरस्कार, वर्ष 2008 में नेशनल प्रोडेक्टविटी अवार्ड, वर्ष 2010 में राज्य लघु उद्योग पुरस्कार व वर्ष 2016 में उत्तराखंड विभूषण सम्मान मिल चुके हैं।
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*यहां गलती करने पर छात्रों को मिलती है ऐसी अनोखी सजा, जानिए..*
रुड़की, [जेएनएन]: अधिकांश शिक्षण संस्थानों में अनुशासनहीनता करने पर छात्र-छात्राओं से आर्थिक दंड वसूला जाता है, लेकिन भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान (आइआइटी) रुड़की में नियमों का उल्लंघन करने पर छात्र-छात्राओं से योगा व सामुदायिक सेवा करवाई जाती है।
संस्थान ने नियमों का उल्लंघन करने वाले छात्रों को दंडित करने का अनोखा तरीका अपनाया है। पहले तो अनुशासन तोड़ने वाले छात्रों से केवल योगा करवाया जाता था, लेकिन अब सामुदायिक सेवा को भी इसमें जोड़ दिया है। जो छात्र किसी भी कारणवश योगा नहीं कर सकते हैं उन्हें अपने धर्म के अनुसार मंदिर, मस्जिद या फिर चर्च में एक घंटे प्रतिदिन अपनी सेवाएं देनी होती हैं।
यहीं नहीं, गलती के अनुसार छात्रों को 15 दिन से लेकर एक महीने तक वहां की साफ-सफाई करनी होती है। छात्र नियमित रूप से और सही ढंग से कार्य कर रहे हैं या नहीं, इसकी भी निगरानी की जाती है
संस्थान परिसर स्थित मंदिर में जहां पुजारी तो वहीं मस्जिद के मौलवी छात्रों के कार्य पर नजर रखते हैं। डीन ऑफ स्टूडेंट वेलफेयर से जुड़े एसोसिएट डीन भी कई बार औचक निरीक्षण करते हैं। साथ ही रजिस्टर भी मेंटेन किया जाता है
इसके अलावा जो छात्र दंड के रूप में योग की कक्षाएं करना चाहते हैं उन्हें भी रोजाना सुबह सवा छह से लेकर सवा सात बजे तक योग करना पड़ता है। यह कक्षाएं भी 15 दिन से लेकर एक महीने तक चलती हैं। आइआइटी रुड़की के डीन ऑफ स्टूडेंट वेलफेयर (डीओएसडब्ल्यू) की ओर से छात्रों को दंडित करने के इस अनोखे ढंग से देश की कई अन्य आइआइटी भी प्रभावित हैं।
इस संबंध में उन्होंने संस्थान के डीओएसडब्ल्यू से भी जानकारी मांगी है। उधर, आइआइटी रुड़की के डीन ऑफ स्टूडेंट वेलफेयर डॉ. डीके नौडियाल के अनुसार छात्र किसी तरह की अनुशासनहीनता करते हैं तो उन पर आर्थिक दंड नहीं लगाया जाता है क्योंकि आर्थिक दंड तो उनके अभिभावकों को ही चुकाना होगा।
उनका प्रयास है कि छात्र कोई गलती करते हैं तो उनमें सुधार लाया जाए। ऐसे में उनसे योगा व सामुदायिक सेवा करवाई जाती है। छात्र अपनी रूचि के अनुसार इनमें से कोई भी कार्य चुनते हैं।
*छात्रों को लाभ*
डीओएसडब्ल्यू की ओर से छात्रों को योगा व सामुदायिक सेवा करवाने से छात्रों को ही इसका लाभ होता है। योग करने के लिए छात्रों को सुबह जल्दी उठना पड़ता है। ऐसे में जिन छात्रों को सुबह जल्दी उठने की आदत नहीं है वो अगली बार से अपनी गलती नहीं दोहराएंगे।
वहीं योग करने से वे शारीरिक व मानसिक रूप से भी खुद को फिट बना सकेंगे। सामुदायिक सेवा से उनको सामाजिक कार्यों को करने की सीख मिलती है।
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*आर्थिक रूप से कमजोर बच्चों को निश्शुल्क ज्ञान बांट रही यह महिला*
रुड़की, [रीना डंडरियाल]: एक ओर शिक्षा इतनी महंगी हो चुकी है कि मध्यम वर्ग उसका भार उठाने में सक्षम नहीं, उस पर ट्यूशन फीस ने तो उसकी कमर तोड़कर ही रख दी है। लेकिन, इस सारे परिदृश्य में ऐसे लोग भी हैं, जो आर्थिक रूप से कमजोर परिवारों के बच्चों को निश्शुल्क ज्ञान बांट रहे हैं। इतना ही नहीं, अपने इस पुनीत कार्य से वे औरों के लिए भी प्रेरणा का स्रोत बने हुए हैं।
रुड़की के पश्चिमी अंबर तालाब निवासी सुषमा सिंह (49 वर्ष) भी ऐसे ही लोगों में शामिल हैं, जो नि:स्वार्थ भाव से समाज सेवा कर रहे हैं। सुषमा पश्चिमी अंबर तालाब में चलाए जा रहे निश्शुल्क शिक्षा सेवा केंद्र बगिया की संचालक हैं। इस केंद्र में नर्सरी से लेकर स्नातक तक के नौनिहालों को पढ़ाया जा रहा है। वर्तमान में उनकी इस बगिया में 67 छात्र-छात्राएं आते हैं।
इन सभी के परिवारों की आर्थिक स्थिति ऐसी नहीं कि वे ट्यूशन फीस के रूप में मोटी रकम खर्च कर सकें। लेकिन, सभी भविष्य में कुछ कर गुजरने का जज्बा रखते हैं। इसलिए सुषमा उनकी मदद को आगे आईं। इस कार्य में सुषमा की बेटी आरुषि राणा भी उनका हाथ बंटाती हैं।
सुषमा मूलरूप से झारखंड के डाल्टनगंज शहर के पास स्थित अररुआ गांव की रहने वाली हैं। बकौल सुषमा, 'गांव में मेरा पापा और चाचा ही पढ़े-लिखे थे। उनके बाद दोनों परिवारों के बच्चों को ही पढ़ने का मौका मिला। पापा आर्मी में थे, इसलिए मुझे रुड़की और अंबाला में भी शिक्षा ग्रहण करने का अवसर मिला। शादी के बाद मैं रुड़की आ गई और अपने परिवार के ही छोटे बच्चों को पढ़ाने लगी।
अब सब बच्चे बड़े हो गए हैं। ऐसे में मैंने आर्थिक रूप से कमजोर बच्चों को पढ़ाने की ठानी।' सुषमा के पास अधिकांश वे बच्चे आते हैं, जिनकी पारिवारिक स्थिति ठीक नहीं है। जबकि कुछ बच्चे ऐसे भी हैं, जो बेहद कमजोर परिवारों से होने के कारण स्कूल ही नहीं जा पाते। सुषमा छोटे बच्चों को सभी विषय पढ़ाती हैं। उन्होंने राजनीति शास्त्र में एमए किया है।
विज्ञान वर्ग के बच्चों को गणित और विज्ञान पढ़ाना उनके लिए कठिन है। ऐसे में बगिया में पढ़ने वाले विद्यार्थियों को विज्ञान और गणित उनकी बेटी पढ़ाती है। इस बच्चों को चार शिफ्ट में पढ़ाया जाता है। आरुषि स्वयं वर्तमान में केएलडीएवी पीजी कॉलेज में बीएससी तृतीय वर्ष की छात्रा है। सुषमा बताती हैं कि इस कार्य में उनके पति शेष सिंह राणा का भी उन्हें भरपूर सहयोग मिलता है।
*सप्ताह में सातों दिन चलती है कक्षा*
पहले तो सुषमा अपने घर पर ही बच्चों को पढ़ाती थी, लेकिन अब जैसे-जैसे बच्चों की संख्या बढ़ती जा रही है तो उन्हें अधिक जगह की आवश्यकता पड़ रही है। सो, अब वह पश्चिमी अंबर तालाब में स्थित एक धर्मशाला में कक्षाएं चला रही हैं। दोपहर ढाई से शाम साढ़े छह बजे तक चलने वाली कक्षाओं में सप्ताह के छह दिन वह बच्चों को पाठ्यक्रम से पढ़ाती हैं। जबकि, रविवार को उनकी रुचि के अनुसार कार्य कराया जाता है। इस दिन बच्चे आर्ट और क्राफ्ट सीखते हैं। कुकिंग में रूचि रखने वाली छात्राओं को मौखिक रूप से जानकारी दी जाती है।
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*यह छात्रा चाय बेच कर रही पढ़ाई, परिवार का उठा रही बोझ*
श्रीनगर गढ़वाल, [जेएनएन]: छह साल पहले परिवार पर मुसीबतों का पहाड़ टूटा। मुफलिसी के दौर से गुजर रहे परिवार पर पहाड़ जैसी मुसीबत आने के बावजूद उस समय बिड़ला परिसर श्रीनगर की छात्रा अंजना रावत ने हौसला और साहस बनाए रखा और पिता के अचानक निधन के 15 दिनों बाद ही छोटी सी चाय की दुकान को संचालित करते हुए अपनी पढ़ाई जारी रखने के साथ ही भाई, बहन और बुजुर्ग मां के भरण पोषण का भी जिम्मा उठा लिया।
तड़के श्रीनगर के पीएनबी रोड पर छोटी सी चाय की दुकान खोलकर हर रोज 11 बजे तक चाय की बिक्री करने के बाद दिन में कॉलेज जाकर अध्ययन करने और उसके बाद पुन: दुकान में आकर चाय बनाने में जुट जाना उसकी दिनचर्या का अंग बना।
पिछले छह सालों में कई कठिनाइयों और परेशानियों का दौर झेला, लेकिन अपना साहस नहीं खोया। अपनी पढ़ाई जारी रखते हुए अंजना अब समाजशास्त्र से एमए करने के साथ ही एमएसडब्ल्यू भी कर चुकी है। उसकी बहन भी उच्च शिक्षा प्राप्त कर प्रतियोगी परीक्षा तैयारियों में जुटी है। भाई भी दिल्ली में नौकरी पर लग चुका है, लेकिन अंजना की दिनचर्या आज भी चाय की उसी छोटी सी दुकान से ही शुरू होती है। शिक्षा विभाग में उच्चाधिकारी बनना उसका विशेष सपना भी है।
सुबह-शाम चाय की छोटी सी गुमटी में कार्य करने के साथ ही दोपहर में वह विभिन्न प्रतियोगी परीक्षा की तैयारियों को लेकर वह कोचिंग भी ले रही है। कुछ कर गुजरने की तमन्ना को लेकर वह जीवन में और आगे बढऩे का लक्ष्य लिए हुए है।
अंजना रावत ने बताया कि 23 दिसम्बर 2010 को अचानक उसके पिता गणेश रावत का निधन हो जाने से परिवार पर मुसीबतों का पहाड़ सा टूट पड़ा लेकिन उसने हौसला नहीं खोया और 15 दिनों बाद ही पीएनबी रोड पर चाय की दुकान संभालने लगी थी। उस समय एक लड़की को चाय की दुकान चलाते हर कोई हैरत में भी देखता था लेकिन उसने हिम्मत नहीं हारी।
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*12,460 पदों पर शिक्षक भर्ती के लिए काउंसिलिंग 18 से, बेसिक शिक्षा परिषद ने काउंसिलिंग संबंधी जारी किए निर्देश*
*वेबसाइट पर अपलोड होगी अर्ह अभ्यर्थियों की सूची*
*25 मार्च को होगी दूसरे चरण की काउंसिलिंग*
*31मार्च को जारी होंगे नियुक्ति पत्र*
*22 व 23 को होगी चार हजार उर्दू शिक्षक भर्ती की काउंसिलिंग*
लखनऊ। बेसिक शिक्षा परिषद के प्राथमिक विद्यालयों में 12,460 सहायक अध्यापकों की नियुक्ति के लिए मांगे गए आवेदनों के बाद अब अर्ह अभ्यर्थियों की काउंसिलिंग 18 मार्च से होगी। इस संबंध में परिषद के सचिव संजय सिन्हा ने बेसिक शिक्षा अधिकारियों को निर्देश भेज दिए हैं।दरअसल, 12,460 पदों पर सहायक अध्यापक पद पर नियुक्ति के लिए 28 दिसंबर 2016 से 7 फरवरी 2017 तक ऑनलाइन आवेदन मांगे गए थे। अब अर्ह अभ्यर्थियों की काउंसिलिंग की प्रक्रिया शुरू होनी है। जनपद स्तर पर मेरिट सूची तैयार करने संबंधी सभी कार्य मदर लिस्ट पर किया जाएगा। जनपद में निर्धारित पदों के प्रति दो चरणों में काउंसिलिंग का आयोजन किया जाएगा।दो चरणों में होगी काउंसिलिंगकाउंसिलिंग की प्रक्रिया दो चरणों में होगी। काउंसिलिंग की सूचना के लिए विज्ञप्ति का प्रकाशन उन जनपदों के जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी द्वारा प्रकाशित कराया जाएगा। प्रथम चरण की काउंसिलिंग 18 मार्च से 20 मार्च तक होगी। आवेदन करने वाले ऐसे अभ्यर्थियों को काउंसिलिंग के लिए बुलाया जाएगा, जिनका चयन इन जनपद के बीटीसी, विशिष्ट बीटीसी अथवा उर्दू बीटीसी प्रशिक्षित हो या डीएड विशेष शिक्षा, बीएलएड प्रशिक्षण उत्तीर्ण अभ्यर्थियों के माध्यम से इस जनपद में प्रथम वरीयता के आधार पर ऑनलाइन आवेदन गया हो।
प्रथम चरण में अर्ह पाए गए अभ्यर्थियों की अनंतिम चयनसूची तैयार कने के बाद रिक्त पदों का विवरण प्रत्येक दशा में अनंतिम चयन सूची के प्रकाशन की तिथि को जनपद के एनआईसी की वेबसाइट पर अपलोड कर दिया जाए। जिससे रिक्त पदों की सूचना अभ्यर्थियों को प्राप्त हो सके।
परिषद की ओर से भेजे गए निर्देश के मुताबिक प्रथम काउंसिलिंग के बाद अवशेष रिक्त पदों के प्रति 25 मार्च को द्वितीय काउंसिलिंग का आयोजन किया जाएगा। काउंसिलिंग में प्रदेश के किसी भी जनपद के ऐसे अभ्यथी प्रतिभाग कर सकते हैं, जिनका चयन प्रथम चरण की काउंसिलिंग में न हुआ हो। काउंसिलिंग में प्रतिभाग करने वाले अर्ह ऐसे अभ्यर्थी के मूल अभिलेख जमा करा लिया जाएगा जिनका अनंतिम चयन हो गया हो। लेकिन यदि कोई अभ्यर्थी काउंसिलिंग के बाद अनंतिम रूप में चयनित न हुआ हो तो उनके मूल अभिलेख काउंसिलिंग की तिथि के अगले ही दिन वापस कर दिए जाएंगे।दो चरणों की काउंसिलिंग के बाद जनपद में निर्धारित पदों के प्रति तैयार की गई अनंतिम चयन सूची में शामिल अभ्यर्थियों को प्रदेश के सभी जनपदों में 31 मार्च को नियुक्ति पत्र जारी करने की कार्यवाही की जाएगी।सहायक अध्यापक (उर्दू) के चार हजार पदों पर भर्ती के लिए काउंसिलिंग 22 व 23 मार्च को होगी। इसके लिए बीएसए 17 मार्च को काउंसिलिंग का शेड्यूल जारी करेंगे। काउंसिलिंग के बाद अंनतिम चयन सूची तैयार कर जिला चयन समिति के माध्यम से 25 मार्च तक अनुमोदित कराया जाएगा। वहीं रिक्त पदों पर द्वितीय काउंसिलिंग 25 मार्च को होगी। जबकि चयनित अर्ह अध्यापकों को नियुक्ति पत्र 3 अप्रैल को जारी किया जाएगा।
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*हेल्थ टिप्स: इन 5 घरेलू नुस्खों से मिनटों में चमकाएं चेहरा!*
साफ और निखरता चेहरा पाने के लिए हम लोग क्या नहीं करतेहैं? लेकिन ऐसे बहुत कम लोग होते हैं जिन्हें ये हासिल होता है। तरह-तरह के फेसपैक बनाने के लिए आजकल किसी के पास समय नहीं है। इसलिए आज हम आपको साफ चेहरे के लिए 5 आसान घरेलू नुस्खे बता रहे हैं।
*1-आलू*
अगर आप कहीं बैठे हैं और झटपट कहीं जाने का प्रोगाम बन रहा है। लेकिन आपको अपनेचेहरे पर डार्कनेसऔर कालापन दिख रहा है तो आप आलू का प्रयोग कर सकते हैं। आलू को कदूकस करें और 5 से 10 मिनट तक इसे चेहरे पर हल्का-हल्का रब करें। आपको तुरंत चेहरे पर निखार दिखेगा।
*2-मलाई और हल्दी*
बेजान और रुखी त्वचा के लिए मलाई और हल्दी का पेस्ट बहुत कारगार है। इस पेस्ट से पहले कुछ देर तक चेहरे पर मालिश करें और फिर 5 से 10 मिनट सूखने के लिए छोड़ दें। आपको अपने चेहरे पर नेचुरल ग्लो दिखेगा।
*3-पपीता*
स्किन टोनको हल्का करने के लिए पपीता बहुत काम की चीज है। पपीते से चेहरे पर शाईनिंग आती है और दाग-धब्बे भी दूर होते हैं। पपीते के गुदे को गुलाब जल में अच्छी तरहपीसकर पेस्ट बना लें। लगभग 15 मिनट के बाद चेहरा धो लें।
*4-टमाटर*
टमाटर में भारी मात्रा में एंटीआॅक्सीडेंट पाए जाते हैं। अकेले टमाटर के इतनी शक्ति होती है कि वो आपकी चेहरे से संबंधित हर समस्या को दूर कर सकता है। टमाटर का पेस्ट चेहरे पर लगाने से कई तरह के फायदे होते हैं। इससे झाईयां भी दूर होती है।
*5-तुलसी की पत्त्यिां*
तुलसी की पत्तियों का पेस्ट भी चेहरे के लिए बहुत सफल है। हालांकि ये कॉस्मेटिक क्रीम की तरह चेहरे पर तुरंतनिखार नहीं लाता है। लेकिन इससे चेहरे केदाग-धब्बे और गढ्ढेधीरे-धीरे भरते हैं। साथ ही तुलसी की पत्त्यिां चेहरे का सांवलापन भी दूर करती है।