Tuesday, March 7, 2017

योग्यताएं हैं रोज़गार की गारंटी

ये योग्यताएं हैं रोज़गार की गारंटी

भारत में नये साल के शुरुआती 6 महीने नौकरियों के लिहाज से उम्‍मीदें जगाने वाला नहीं रहने वाले हैं। अधिकतर कंपनियों ने मार्च 2013 या जून 2013 तक अपने यहां भर्तियां बंद कर रखी हैं। वहीं, नौकरी खोजने वालों की संख्या में पिछले साल की तुलना में इस साल 28 फीसदी इजाफा होने की उम्मीद है। भारतीय अर्थव्यवस्था की धीमी रफ्तार भी नई नौकरियों के रास्ते में रोड़ा बनी हुई है। ऐसे में कंपनियां बहुत जरूरत पड़ने पर लंबी और टफ प्रोसेस के तहत कर्मचारियों को रिक्रूट कर रहीं हैं। 
जॉबः रिसर्च कंपनी माईहाइरिंगक्लबडॉटकॉम ने कहा है कि वैसे तो 2013 में करीब 10 लाख नई नौकरियां मिलेंगी, लेकिन शुरुआती महीनों में नौकरियों का हाल 2012 की तरह ही रहने वाला है। पिछले साल नौकरियों में 21 फीसदी की कमी आई थी। दिलचस्प है कि साल 2012 में 7 लाख लोगों को ही नौकरियां मिली हैं, जबकि हर जॉब पोस्ट के लिए करीब 240 से भी ज्यादा आवेदन आए। इस बार यह औसत और ज्‍यादा होने की संभावना है। ऐसे में नए साल की शुरुआत में नौकरी खोजना मुश्किल भरा हो सकता है। लेकिन फिर भी आपको नई नौकरी की जरूरत है या फिर अच्छी नौकरी की तलाश कर रहे हैं, तो नौकरीदाता कंपनियों की जरूरत को समझना बहुत जरूरी है। जानें कंपनियों की उन जरूरतों को जिसे पूरा कर आप नो जॉब जोन में भी नौकरी हासिल कर सकते हैं। 
लंबी प्रक्रिया: वैसे तो देश की अधिकतर कंपनियों में मार्च 2013 तक भर्तियां बंद हैं, लेकिन बहुत ज्यादा जरूरत पड़ने पर कुछ कंपनियां बेहतर कैंडीडेट को जॉब दे रही हैं। जॉब एक्सपर्ट के मुताबिक बेहतर कैंडीडेट को खोजने और उन्हें नौकरी पर रखने के लिए कंपनियां लंबी प्रक्रिया को अपना रहीं हैं। ऐसे में नौकरी खोजने वालों को इस लंबी प्रक्रिया के लिए पहले से ही तैयार रहना होगा। साथ ही इंटरव्यू की टफ प्रोसेस भी देखने को मिल सकती है। रिक्रूटमेंट फर्म मैनपावर ग्रुप के एमडी ए. जी राव का कहना है कि अगले 6 महीने तक बाजार में नौकरियों का ऐसा ही हाल रहने वाला है। ऐसे में जल्दबाजी करना जॉब सर्च करने वालों के लिए नुकसानदायक हो सकता है। 
हाई एक्सपेक्टेशन: वर्तमान समय में जॉब देने वाली कंपनियां नए इम्प्लाई से ज्यादा से ज्यादा आउटकम मिलने की एक्सपेक्टेशन कर रहीं हैं। रिक्रूटमेंट फर्म ग्लोबलहंट इंडिया प्राइवेट लिमिटेड के सीईओ सुनील गोयल के मुताबिक कंपनियों की डिमांड है कि नए लोग दिन या लेट नाइट तक फ्लेक्सिबल वर्किग ऑवर में काम करें। साथ ही एक से ज्यादा डिपार्टमेंट का नॉलेज रखने वालों को तरजीह दी जा रही है। ऐसे में शुरूआती 6 महीनों में उन्हीं लोगों के नौकरी पाने के ज्यादा चांसेज हैं जो टेक्नीकल सहित कई फील्ड के एक्सपर्ट हैं।

No comments:

Post a Comment