मंत्र
तक्षकेश्वर मंदिर में धन्वन्तरी की मूर्ति
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- ॐ धन्वंतरये नमः॥
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- ॐ नमो भगवते महासुदर्शनाय वासुदेवाय धन्वंतराये:
- अमृतकलश हस्ताय सर्वभय विनाशाय सर्वरोगनिवारणाय
- त्रिलोकपथाय त्रिलोकनाथाय श्री महाविष्णुस्वरूप
- श्री धन्वंतरी स्वरूप श्री श्री श्री औषधचक्र नारायणाय नमः॥
- अर्थात
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- परम भगवन को, जिन्हें सुदर्शन वासुदेव धन्वंतरी कहते हैं, जो अमृत कलश लिये हैं, सर्वभय नाशक हैं, सररोग नाश करते हैं, तीनों लोकों के स्वामी हैं और उनका निर्वाह करने वाले हैं; उन विष्णु स्वरूप धन्वंतरी को नमन है।
धन्वंतरी स्तोत्रम
प्रचलि धन्वंतरी स्तोत्र इस प्रकार से है।-
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- ॐ शंखं चक्रं जलौकां दधदमृतघटं चारुदोर्भिश्चतुर्मिः।
- सूक्ष्मस्वच्छातिहृद्यांशुक परिविलसन्मौलिमंभोजनेत्रम॥
- कालाम्भोदोज्ज्वलांगं कटितटविलसच्चारूपीतांबराढ्यम।
- वन्दे धन्वंतरिं तं निखिलगदवनप्रौढदावाग्निलीलम॥
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