Saturday, March 4, 2017

खबरनामा

*📝📝📝 सुप्रभात 📝📝📝*
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*खबरों के साथ --
4-03-2017: *सोमवार से डाउनलोड कर सकेंगे यूपी बोर्ड परीक्षा के प्रवेशपत्र*
इलाहाबाद : यूपी बोर्ड की हाईस्कूल व इंटरमीडिएट परीक्षा 2017 के प्रवेशपत्र जिलों में पहुंचने लगे हैं। साथ ही बोर्ड की वेबसाइट पर अपलोड करने का कार्य भी शुरू हो गया है। अफसरों का दावा है कि सोमवार से परीक्षार्थी अपने प्रवेशपत्र सीधे डाउनलोड भी कर सकेंगे। 1यूपी बोर्ड ने इस बार हाईस्कूल व इंटर के प्रवेशपत्रों में बदलाव किए हैं। इसमें नाम, पिता का नाम, स्कूल, केंद्र व अनुक्रमांक का जिक्र पहले से रहा है, लेकिन इस मर्तबा प्रवेश पत्र पर परीक्षार्थी के सभी विषयों का परीक्षा कार्यक्रम भी दर्ज है, ताकि सहूलियत मिले। ऐसे ही वह किस वर्ग का है एवं उसका मीडियम यानी वह हंिदूी या अंग्रेजी में परीक्षा देगा यह भी लिखा है। परीक्षार्थी की जगह कोई दूसरा तो परीक्षा नहीं दे रहा इसे जानने के लिए प्रवेशपत्र पर क्यूआर कोड डाला गया है, इस कोड के जरिए मोबाइल पर परीक्षार्थी की सारी जानकारी पलक झपकते आ जाएगी। प्रवेश पत्र ऑफलाइन तो हर साल दिया ही जाता है इस बार समूचे प्रदेश में पहली बार ऑनलाइन भी दिया जा रहा है।

04-03-2017: *बेसिक शिक्षा परिषद सचिव को राहत, सुप्रीमकोर्ट ने हाईकोर्ट के आदेश को किया निरस्त*
 इलाहाबाद : इलाहाबाद हाईकोर्ट के बेसिक शिक्षा परिषद के वकीलों को हुए गलत भुगतान की परिषद के सचिव व बेसिक शिक्षा विभाग के सचिव से व्यक्तिगत वसूली आदेश को सुप्रीम कोर्ट ने रद कर दिया है। सुप्रीम कोर्ट ने कहा है कि अभी हाईकोर्ट नियुक्ति की वैधता की सुनवाई कर रहा है। ऐसे में याचिका पर अंतिम निर्णय होने से पहले गलत भुगतान की अधिकारियों से वसूली उचित नहीं है। सुप्रीम कोर्ट ने कहा है कि हाईकोर्ट याचिका अंतिम रूप से निस्तारित करते समय सरकारी खजाने की हुए नुकसान की वसूली आदेश पर विचार कर सकता है।
यह आदेश न्यायमूर्ति अरुण मिश्र तथा न्यायमूर्ति अमिताब राय की खंडपीठ ने उप्र बेसिक शिक्षा परिषद इलाहाबाद के सचिव संजय सिन्हा की विशेष अनुमति याचिका को स्वीकार करते हुए दिया है। अधिवक्ता घनश्याम मौर्या ने बेसिक शिक्षा परिषद के पैनल अधिवक्ताओं की मनमानी नियुक्ति की वैधता को चुनौती दी और आरोप लगाया कि बिना विधिक प्रावधान किये कुछ वकीलों की अधिक फीस दी जा रही है। साथ ही पैनल गठन की गाइड लाइन की अनदेखी की गई है।1न्यायमूर्ति अरुण टंडन की अध्यक्षता वाली खंडपीठ ने रिकार्ड तलब किया जिससे बिना प्रावधान के वकीलों को अधिक फीस देने का रहस्योद्घाटन हुआ जिस पर कोर्ट ने गलत भुगतान के लिए दोनों अधिकारियों के वेतन से जांच कर वसूली का अंतरिम आदेश दिया था। सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि याचिका निर्णीत होने से पहले नुकसान की वसूली आदेश उचित नहीं है।

04-03-2017: *यूपी बोर्ड परीक्षा: कक्ष निरीक्षकों को अनिवार्य होगा परिचय पत्र*
प्रतापगढ़ : पिछले साल की तरह इस बार भी में शिक्षकों, कक्ष निरीक्षकों, कर्मचारियों के लिए परिचय पत्र अनिवार्य कर दिया गया है।1डीआइओएस ने सभी राजकीय, सहायता प्राप्त एवं वित्तविहीन मान्यता प्राप्त उच्चतर माध्यमिक विद्यालयों, इंटर कालेजों के प्रधानाचार्यों, केंद्र व्यवस्थापकों से कहा है कि परिचय पत्र पर सफेद बेस
पर नीले रंग से संबंधित शिक्षक, कर्मचारी का नियुक्त विषय व जन्मतिथि आदि का संपूर्ण विवरण लिखा होगा। प्रधानाचार्य से हस्ताक्षरित एवं डीआइओएस से प्रति हस्ताक्षरित होना अनिवार्य है। परिचय प्रस्तुत करते समय एक पंजिका पर सभी स्टाफ की नियुक्ति, जन्मतिथि व विषय आदि विवरण लिखकर संबंधित शिक्षक, कर्मचारी की फोटो चस्पा करके प्रधानाचार्य से हस्ताक्षरित कर प्रस्तुत किया जाए। डीआइओएस डा. ब्रजेश मिश्र ने कहा कि पंजिका न प्रस्तुत करने पर परिचय पत्र पर प्रति हस्ताक्षर नहीं किया जाएगा। हर हाल में 10 मार्च तक परिचय पत्र प्रति हस्ताक्षरित करा लिए जाएं।

*स्कूल बंद, फिर भी बच्चे कर गए भोजन, खंड शिक्षा अधिकारी ने विद्यालय के भोजन रजिस्टर को किया सील: 46 में सिर्फ दो बच्चे ही मिले मौजूद*
 प्रतापगढ़ : स्कूल बंद था। बच्चे नहीं आए थे। इसके बाद भी वह दोपहर का भोजन खा गए। यह खेल सामने आया है विकास खंड बाबागंज के पुरैली मकदूपुर विद्यालय में। गुरुजी ने बच्चों को मध्यान्ह भोजन भी करा दिया। इसका राजफाश शुक्रवार को हुआ जब जांच को पहुंचे खंड शिक्षा अधिकारी रवींद्र सिंह ने विद्यालय का औचक
किया। उन्होंने विद्यालय के प्रधानाध्यापक इम्तियाज अहमद को कड़ी फटकार लगाते हुए फर्जी तरीके से तैयार किए गए भोजन के रजिस्टर को सील कर दिया। इसके बाद वह भरतगढ़ स्थित प्राथमिक विद्यालय पहुंचे, जहां पर सब कुछ ठीक ठाक पाया गया। शौचालय न होने से उसे बनवाए जाने की बात कही।संडवा चंद्रिका, प्रतापगढ़ : क्षेत्र के प्राथमिक विद्यालय गौहानी के में विद्यालय में महज दो बच्चे ही मौजूद मिले। खंड शिक्षा अधिकारी ने यहां तैनात प्रधानाध्यापक समेत चार शिक्षकों का वेतन रोकते हुए स्पष्टीकरण मांगा है। खंड शिक्षा अधिकारी रमाकांत मौर्य ने गौहानी विद्यालय का किया। यहां 46 बच्चे पंजीकृत हैं। जिसमें महज दो बच्चे ही मौजूद रहे। विद्यालय का रंगाई-पुताई का कार्य नहीं हुआ है। विद्यालय के के दौरान प्रतीत हो रहा है कि विद्यालय का कई वर्षों से पुताई नहीं कराई गई है। पुस्तक वितरण पंजिका नहीं बनाई गई है। पिछले चार फरवरी से विद्यालय में मिड-डे-मील नहीं बनवाया जा रहा है। यहां प्रधानाध्यापक समेत चार अध्यापक तैनात हैं। इन कमियों को देखते हुए बीईओ ने सभी शिक्षकों का वेतन रोके जाने का आदेश दिया। उन्होंने प्राथमिक विद्यालय गोकुला का किया। यहां रसोइया ने तहसील दिवस में प्रार्थना पत्र देकर साल भर से प्रधान द्वारा मानदेय न दिए जाने की शिकायत की है। उन्होंने प्रधान को मानदेय देने का निर्देश दिया।

 *MDM: मिड-डे मील के लिए आधार अनिवार्य, छात्रों के साथ-साथ कुक व हेल्पर को भी दिखाना होगा आधार*

 *राज्य कर्मियों को एक मई से कैशलेस इलाज की सुविधा, हेल्थ कार्ड बनाने की प्रक्रिया शुरू*

 *अब अध्यापक एक साथ ले सकते हैं 10 आकस्मिक अवकाश, विशेष परिस्थितियों इससे भी अधिक, लेकिन होगी यह शर्त*

 *सत्र में मिलेंगे नए 180 शिक्षक, 31 मार्च तक जारी होगा नवीन भर्ती वालों को नियुक्ति पत्र*

 *एबीआरसी तैयार करेंगे प्रश्न पत्रों के मॉडल: वार्षिक परीक्षाओं का आगाज 18 मार्च से*

 *शराबी ने स्कूल में घुसकर अध्यापक को पीटा, डीएम के आदेश पर केस दर्ज*

 *बदहाली का शिकार बेसिक स्कूल: विद्यालयों के बाहर लगे कूड़े के ढेर, गंदगी से फ़ैल रहीं बीमारियाँ*

 *शिक्षकों के साथ लेखाधिकारी कर रहे हैं आयकर कटौती में मनमानी*

*8वीं तक के 75% बच्चों को नहीं आता गुणा-भाग: "असर" की रिपोर्ट*

*नई पेंशन व्यवस्था का विरोध, फिर शुरू हो सकता है जीपीएफ*

04-03-2017: *किताबें बांटीं नहीं, बताए अजब बहाने: यूपी के प्राइमरी स्कूलों की किताबें छापने वाले प्रकाशकों ने बचाव में दिए अजीबोगरीब तर्क अफसर भी मेहरबान, बिना कार्रवाई के उनको ही फिर से ठेका देने की तैयारी*
लखनऊ : प्राइमरी स्कूलों की किताबें नोटबंदी, बाढ़ और अन्य प्राकृतिक आपदाओं के कारण लेट हुई थीं। पिछले साल किताबें छापने वाले प्रकाशकों ने अपने बचाव में ऐसे ही तर्क दिए हैं। किताबें लेट होने की वजह से प्रदेश सरकार की खासी फजीहत हुई थी लेकिन इन प्रकाशकों पर अब तक कोई कार्रवाई नहीं हुई। इतना ही नहीं आचार संहिता के दौरान ही अफसरों ने इन प्रकाशकों को ही फिर से किताब छापने का ठेका देने की तैयारी कर ली है।
           प्राइमरी स्कूलों की किताबें हमेशाा जुलाई और अगस्त तक छप जाया करती थीं। पिछले साल तो अप्रैल से ही नया सत्र शुरू हो गया था लेकिन किताबें नवंबर और दिसंबर तक बच्चों को मिलीं। यह मामला हाई कोर्ट तक भी पहुंचा। हाई कोर्ट ने सरकार को कई बार तलब किया और जल्द किताबें छापने के साथ ही दोषियों पर कार्रवाई के भी निर्देश दिए। इसके बावजूद सत्र के अंत में बच्चों को किताबें मिलीं।
     जो शासनादेश है, उसी के अनुसार कार्रवाई की जाती है। जिन जिलों में जहां किताबें लेट हुई हैं, उसके अनुसार वहां के बीएसए प्रकाशकों पर कार्रवाई करेंगे। किताबें इस बार समय पर छपकर आ जाएं, इसीलिए जल्दी टेंडर किया जा रहा है।

*-अजय कुमार सिंह, सचिव बेसिक शिक्षा*
         बच्चों की किताबों पर सरकार करोड़ों रुपये खर्च करती है। पिछले साल तो बच्चों को नई किताबें पूरे सत्र तक मिल ही नहीं पाईं। पिछले साल की तरह किताबें लेट न हों, इसके लिए ऐसे प्रकाशकों से किताबें छपवाई जाएं जो समय पर किताबें उपलब्ध करा सकें। -विनय कुमार सिंह, अध्यक्ष प्राथमिक शिक्षक प्रशिक्षित स्नातक एसोसिएशन इसी बीच अगले सत्र के लिए नई किताबों की छपाई के लिए भी टेंडर मांग लिए गए। इस साल भी 15 फर्मों ने टेंडर डाले हैं। इनमें ज्यादातर वही पब्लिशर हैं, जिन्होंने पिछली बार किताबें छापी थीं। अब सात फरवरी को किताबों की तकनीकी विड खुलनी है। सभी पब्लिशर को इस बारे में पत्र तय कर दिया गया है।
       किताबें मानक के अनुसार न छपने या लेट होने पर प्रकाशकों के पेमेंट में कटौती करने का शासनादेश है। एक सप्ताह देर होने पर एक प्रतिशत, दो सप्ताह देर होने पर दो प्रतिशत और तीन सप्ताह विलंब होने पांच प्रतिशत कटौती का प्रावधान है। इतना ही नहीं तीन सप्ताह से ज्यादा विलंब होने पर फर्म को ब्लैकलिस्ट करने का प्रावधान है। अभी तक एक भी फर्म को ब्लैकलिस्ट नहीं किया गया है। पेमेंट कटौती की भी जानकारी खुद प्रमुख सचिव और पाठ्य पुस्तक अधिकारी को नहीं है।
         अब 2017-18 की नई किताबें छपने से पहले सभी प्रकाशकों ने बेसिक शिक्षा सचिव और निदेशक को अपने प्रत्यावेदन दिए हैं। सभी ने किताबें लेट होने के पीछे तर्क दिए हैं। साथ ही पेनल्टी माफ करने की अपील की है। इसमें कई प्रकाशकों ने तो कहा है कि नोटबंदी के कारण कई दिन तक ट्रंक बंद रहे, इससे कागज नहीं मिल पाया। वहीं किसी ने लिखा है कि बाढ़ आ गई थी, इससे मिलों ने कागज नहीं दिया। इसके अलावा कोर्ट का विवाद और देर से छपाई का टेंडर मिलने की भी बात कही गई है। ये सभी प्रत्यावेदन जनवरी में दिए गए हैं। उसके बाद 27 फरवरी को अफसरों ने इनकी समीक्षा की।

04-03-2017: *गैरहाजिर मिली शिक्षिका को सेवा समाप्ति का नोटिस ,बीएसए ने किया 25 परिषदीय विद्यालय व 2 ब्लॉक संसाधन केंद्रों का निरीक्षण कार्रवाई*
 बदायूं : शुक्रवार को आधे दिन का विद्यालय होने की वजह से लापरवाही बरती जाती है। तमाम स्कूल खोले नहीं जाते तो कुछ जल्द बंद कर दिए जाते हैं। जिसके चलते बीएसए ने विकास क्षेत्र सहसवान व उझानी के ब्लॉक संसाधन केंद्र व परिषदीय विद्यालयों का औचक निरीक्षण कर विद्यालयों की स्थिति जानी। ज्यादातर विद्यालयों में ताले और बच्चे बाहर खड़े रहे। लगातार गैरहाजिर रहने पर शिक्षिका को सेवा समाप्ति का नोटिस दिया गया तो बंद मिले स्कूलों के स्टाफ का वेतन काटा गया। व्यवस्थाएं अच्छी होने पर प्रधानाचार्यो की प्रशंसा भी की गई। बच्चों की उपस्थिति बढ़ाने का निर्देश दिया है।1सहसवान के बक्सर के उच्च प्राथमिक विद्यालय में शिक्षिका नेहा सक्सेना बाल्य देखभाल के अवकाश समाप्त होने के बाद भी जनवरी 2017 से अनुपस्थित चल रही थीं। जिनके वेतन पर रोक लगाते हुए सेवा समाप्ति का नोटिस दिया गया है। नोटिस प्राप्त होने के तीन दिन के भीतर कार्यालय में खुद उपस्थित होकर स्पष्टीकरण मांगा गया है। शिथिलता बरतने पर एनपीआरसी से स्पष्टीकरण मांगा गया है। ब्लॉक संसाधन केंद्र की व्यवस्था सुधारने का निर्देश दिया है। विकास क्षेत्र उझानी के प्राथमिक विद्यालय भट्टा नगला, कछला, लक्ष्मी नगला, पलिया पुख्ता, ननाखेड़ा, सराय स्वालेह और उच्च प्राथमिक विद्यालय चौसिंगा, ननाखेड़ा बंद मिले। पूरे स्टाफ का वेतन काटने की की है। डिलोर के प्राथमिक विद्यालय में देवदत्त 2 मार्च से, गंगा सिंह, नमिता, भारती सिंह के अनुपस्थित मिलने पर वेतन काटा गया है। अनुपस्थित मिलने पर प्राथमिक विद्यालय में अनुपस्थित मिलने पर गीता, रेखा रानी, पुष्पा शर्मा और सावंती नगला के प्राथमिक विद्यालय के तेजेंद्र सिंह, भीकम सिंह का वेतन काटा गया है। प्राथमिक विद्यालय सरौता में मनोज कुमार व यज्ञ कुमार का वेतन काटा गया। ग्रामीणों के प्रधानाध्यापक के समय से विद्यालय न आने की शिकायत पर चेतावनी देते हुए स्पष्टीकरण तलब किया गया है। खजुरारा के उच्च प्राथमिक विद्यालय में अनुदेश मीनू व राहुल के अनुपस्थि मिलने पर मानदेय कटौती की की है। बीएसए प्रेमचंद यादव ने बताया कि विद्यालयों का निरीक्षण जारी रहेगा।

04-03-2017: *गायब रहे गुरुजी, छात्र खेल-कूद में मस्त*
गुरुजी गायब और बच्चे मस्ती कर रहे थे। यह स्थिति शुक्रवार को संकुल प्रभारी के निरीक्षण में देखने को मिली। प्रभारी द्वारा रिपोर्ट खंड शिक्षा अधिकारी को सौंपी गयी है। मामला भीटी शिक्षा क्षेत्र का है। उक्त शिक्षा क्षेत्र में प्राथमिक विद्यालय गाना महमूदपुर स्थित है। कक्षा एक से पांच तक 55 बच्चे पंजीकृत हैं तथा प्रधानाध्यापक समेत तीन शिक्षक तैनात हैं। इस विद्यालय व बच्चों के भविष्य को लेकर अभिभावक भी चिंतित हैं। सूचना पर जैतूपुर के संकुल प्रभारी संतोष कुमार सिंह को खंड शिक्षा अधिकारी ने हकीकत परखने के लिए भेजा। वह अपराह्न करीब ढाई बजे विद्यालय पहुंचे। वहां की स्थिति देख वह दंग रह गये। बच्चे अपने कक्ष में बस्ता रखकर विद्यालय से कुछ दूरी पर खेल रहे थे। प्रधानाध्यापक अवकाश पर थे। सहायक अध्यापक ओमप्रकाश अनुपस्थित थे तथा सहायक अध्यापक उपस्थिति पंजिका पर हस्ताक्षर कर सुबह से ही गायब थे। उक्त प्रभारी ने बताया कि विद्यालय पहुंचे ग्रामीणों ने इस पर कड़ी नाराजगी जतायी। बच्चों को दो दिन से एमडीएम नहीं मिल रहा है। खंड शिक्षा अधिकारी केपी सिंह ने बताया कि जांच में शिक्षकों की लापरवाही व शैक्षिक माहौल के प्रति उदासीनता पायी गयी है। उनके विरुद्ध विभागीय कार्रवाई की जाएगी।

 *💐💐आपका दिन शुभ हो💐💐*
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*रामकरन मौर्य*

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