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धर्म शास्त्रों के अनुसार महर्षि व्यास त्रिकालज्ञ थे तथा उन्होंने दिव्य
दृष्टि से देख कर जान लिया कि कलियुग में धर्म क्षीण हो जायेगा। धर्म के
क्षीण होने के कारण मनुष्य नास्तिक, कर्तव्यहीन और अल्पायु हो जावेंगे। एक
विशाल वेद का सांगोपांग अध्ययन उनके सामर्थ से बाहर हो जायेगा। इसीलिये
महर्षि व्यास ने वेद का चार भागों में विभाजन कर दिया जिससे कि कम बुद्धि
एवं कम स्मरणशक्ति रखने वाले भी वेदों का अध्ययन कर सकें। व्यास जी ने उनका
नाम रखा -
ऋग्वेद,
यजुर्वेद,
सामवेद और
अथर्ववेद।
वेदों का विभाजन करने के कारण ही व्यास जी वेद व्यास के नाम से विख्यात
हुये। ऋग्वेद, यजुर्वेद, सामवेद और अथर्ववेद को क्रमशः अपने शिष्य पैल,
जैमिन, वैशम्पायन और सुमन्तुमुनि को पढ़ाया। वेद में निहित ज्ञान के
अत्यन्त गूढ़ तथा शुष्क होने के कारण वेद व्यास ने पाँचवे वेद के रूप में
पुराणों की रचना की जिनमें वेद के ज्ञान को रोचक कथाओं के रूप में बताया
गया है। पुराणों को उन्होंने अपने शिष्य रोम हर्षण को पढ़ाया। व्यास जी के
शिष्योंने अपनी अपनी बुद्धि के अनुसार उन वेदों की अनेक शाखाएँ और उप
शाखाएँ बना दीं। व्यास जी ने
महाभारत की रचना की।
पौराणिक-महाकाव्य युग की महान विभूति, महाभारत, अट्ठारह पुराण,
श्रीमद्भागवत, ब्रह्मसूत्र, मीमांसा जैसे अद्वितीय साहित्य-दर्शन के
प्रणेता वेदव्यास का जन्म आषाढ़ पूर्णिमा को लगभग ३००० ई. पूर्व में हुआ
था। वेदांत दर्शन, अद्वैतवाद के संस्थापक वेदव्यास ऋषि पराशर के पुत्र थे।
पत्नी आरुणी से उत्पन्न इनके पुत्र थे महान बाल योगी शुकदेव। श्रीमद्भागवत
गीता विश्व के सबसे बड़े महाकाव्य 'महाभारत' का ही अंश है। रामनगर के किले
में और व्यास नगर में वेदव्यास का मंदिर है जहॉ माघ में प्रत्येक सोमवार
मेला लगता है। गुरु पूर्णिमा का प्रसिद्ध पर्व व्यास जी की जयन्ती के
उपलक्ष्य में मनाया जाता है।
पुराणों तथा महाभारत के रचयिता महर्षि का मन्दिर व्यासपुरी में विद्यमान
है जो काशी से पाँच मील की दूरी पर स्थित है। महाराज काशी नरेश के रामनगर
दुर्ग में भी पश्चिम भाग में व्यासेश्वर की मूर्ति विराजमान् है जिसे
साधारण जनता छोटा वेदव्यास के नाम से जानती है। वास्तव में वेदव्यास की यह
सब से प्राचीन मूर्ति है। व्यासजी द्वारा काशी को शाप देने के कारण
विश्वेश्वर ने व्यासजी को काशी से निष्कासित कर दिया था। तब व्यासजी
लोलार्क मंदिर के आग्नेय कोण में गंगाजी के पूर्वी तट पर स्थित हुए।
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